बस कुछ ही लाइनें शेष हैं -

की
हमारे प्रिय पाठक जो उत्सुकता से उसका इंतजार कर रहे हैं, उनके लिए कुछ और पंक्तियाँ-
...............“मैं भूत हूँ! तुझे खा जाऊंगा.” कहते हुए इक़बाल ने उसकी गर्दन पकड़ ली. पर वो साया भी कम न था. उसने इकबाल को पीछे की तरफ धकेल दिया. इससे पहले की वो सभाल पाता, साये ने उसके पर कुर्सी फेंक दी. इक़बाल एक तरफ कूद गया.
“अबे! इक़बाल दी ग्रेट पर हमला करता है, अभी ले...”
इससे पहले की इक़बाल उठता, साये ने दौड़ लगा दी.
इक़बाल पीछे भागा. दोनों बाहर आ गए. साया दौड़ते हुए चारदीवारी कूद गया.
जबतक इक़बाल दूसरी तरफ पहुंचा, वो बाइक स्टार्ट कार रहा था. इक़बाल तेजी-से अपनी कार की तरफ लपका. कार में उसके इस तरह उछलकर बैठने से सलमा की नींद खुल गयी.
“क्या हुआ?” उसने नींद में पूछा.
इक़बाल ने कुछ नहीं कहा और जल्दी-से कार स्टार्ट करके दौड़ा दी.
बाइक काफी दूर निकल गई थी. इक़बाल कार को फुल स्पीड पर ले आया.
“कौन है ये?” सलमा ने पूछा.
“कालू द ड्रग पेडलर का भूत.”
“क्या??”
“हाँ! अंदर मैनेजर के घर में भांगड़ा कर रहा था.”
“इक्को! ठीक से बताओ.”
“अरे! मुझे नहीं मालूम.” इक़बाल का पूरा ध्यान ड्राइविंग पर था......................
No comments:
Post a Comment