Saturday 28 January 2012

Few lines from Rajan ki Shadi


From- RAJAN KI SHADI:


“गोबरनाथ प्यारे!” इक़बाल उससे बोला.
“सर, मेरा नाम गोरखनाथ है.” वेटर ने इक़बाल को घूरकर देखा.
“वहीं तो बोला. तो तुमने हंट भाई को खाना-वाना पहुँचाया था. उसके कमरे में कई बार आये गए होगे?”
“क...कौन हंट?”
“वो क्रिस पार्कर के नाम से रुका था.” राजन बोला.
“ओह! पार्कर सर!” वेटर एकदम से खुश हो गया. “वो बहुत अच्छे थे.”
“तुम्हें नाम कैसे पता?”
“वैसे तो हमारे सारे काम रूम नम्बर के हिसाब से होते हैं, पर उनका नाम याद हो गया था, क्योंकि वो आते-जाते कुछ न कुछ बोलते थे. शहर के बारे में पूछते रहते थे.”
“गुड!” राजन ने भवें उचकाई. “उससे हुई सारी बातें बताओ.”
“बातें जैसा कुछ नहीं, पर जब भी मैं जाता वो एक-दो सवाल पूछते, हाय-हेल्लो वगैरह...”
“हम उसे बाते ही कहते हैं, प्यारे.” इक़बाल ने कहा- “अब जल्दी-जल्दी उलटी करना शुरू करो.”


जल्द ही आ रहा है राजन इक़बाल का ये महा-विशेषांक

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